Sunday 5 March 2017

पढ़ाई कैसे करे ?

पढ़ाई कैसे करें ?

प्रिय बच्चों  यह समय वार्षिक परीक्षाओं का है और यह समय बहुत ही महत्वपूर्ण होता है परंतु विद्यार्थी इस समय में बहुत अधिक तनाव ले लेते हैं पढ़ाई का ,
जिससे उनको मानसिक तनाव रहता है इसका प्रभाव उनकी पढ़ाई पर पड़ता है और परीक्षा फल कुछ खास नहीं आ पाता!
  यह तनाव दो कारण से हो सकता है
1.  यदि पूरे वर्ष योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाई ना की हो तो अंत में यह तनाव का कारण बन सकता है
2. यदि पढ़ाई योजनाबद्ध तरीके से की भी हो  तो यह समझ नहीं आता कि उस का अभ्यास कैसे किया जाए!

समस्या नंबर 1 का हल आपको अगले अंक में मिलेगा इस अंक में हम वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी कैसे करें ?
इस विषय पर बात करेंगे! यदि आपकी परीक्षा में केवल 10 दिन भी बचे हैं और आपने पढ़ाई नहीं की है तो भी घबराइए मत इन बातों पर ध्यान दीजिए!

1.. अपने  पाठ्यक्रम को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट लें समझिए  आपके पास पांच मुख्य विषय है जैसे (विज्ञान, समाजिक ज्ञान,अंग्रेजी, गणित और हिंदी) बाकी कंप्यूटर व जी.के.  इन दो विषयों को साइड में रखें क्योंकि इनके आपको ग्रेडस मिलते हैं और इनकी तैयारी भी जल्दी हो जाती है हिंदी को भी सिर्फ एग्जाम में पढ़िएगा क्योंकि यह हमारी मातृ भाषा है इसलिए जल्दी समझ में आ जाती है!
सोचिए अगर आपके पास 10 दिन है और चार प्रमुख विषय सबको 2-2 दिन दे दीजिए!
2 दिन अंग्रेजी के लिए
2 दिन गणित के लिए
2 दिन विज्ञान के लिए तथा
2 दिन सामाजिक ज्ञान के लिए!
ऐसा करने से अभी भी आपके पास 2 दिन बच जाएंगे उंहें आप बचा कर रखें !
अब आप मान लीजिए अंग्रेजी में आपको पास ज्यादा से ज्यादा 20 पाठ करने हैं तो ,
10 पाठ पहले दिन
10 पाठ दूसरे दिन करिएगा अब इन 10 पाठ को किस तरीके से नियोजित करना है यह देखिए !
एक दिन में हमारे पास 24 घंटे होते हैं इसमें से 8 घंटे सोने के और 4 घंटे बाकी कार्य  करने के , बचे 12 घंटे पढ़ाई के एक घंटा एक चैप्टर लेके चलिए तो भी आपके पास 2 घंटे बच जाएंगे इसी तरीके से आप पढ़ाई के लिए से टाइम मैनेजमेंट करना सीख सकते हैं प्लानिंग करना बहुत जरुरी है नहीं तो हम अपना मूल्यवान समय यूं ही खराब कर देते हैं वैसे तो 20 पाठ बहुत ज्यादा है! परंतु यह उदाहरण मैंने आपको ज्यादा से ज्यादा काम को कम समय पर कैसे करने के लिए बताया है !

2.. अगर आपको जल्दी जल्दी याद नहीं होता है तो आप अपना एक कान पकड़कर  याद करिएगा इसके पीछे भी विज्ञान है  जैसे 100% ध्यान को दो जगह केंद्रित करना एक पढ़ाई दूसरा कान तो इस तरीके से आपका पूरा ध्यान दो जगह बट जाएगा !

3...नियम से पढ़े अब आपको 1 घंटे में एक चैप्टर करना है तो 1 घंटे में 60 मिनट होते हैं मान लीजिए 10 क्वेश्चन करने हैं तो एक क्वेश्चन के लिए 6:00 मिनट मिलेंगे तो आप तय  करके बैठिए  की 30 मिनट से पहले याद किए बिना नहीं उठेंगे !
4. बहुत देर लगातार पढ़ाई ना करें !

5.पूरी नींद ले !

6.ध्यान लगाएं !

7.पढ़ाई करते हुए याद करते समय हाथ पैर में कुछ ना पकड़े ऐसा करने से ध्यान नहीं लगता !

8.पहले से जो याद है पहले उस का अभ्यास करें , नई चीजें शुरू ना करें!


Thursday 28 April 2016

Earth is a living being

क्या कोई निर्जीव वस्तु किसी सजीव प्राणी को जन्म दे सकती है ? बिल्कुल नहीं तो यह पृथ्वी निर्जीव कैसे  हो सकती है |
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पृथ्वी पर जीवन करोड़ो वर्षो से है पृथ्वी से ही जीवन है  पेडो का विकास होना किस पर निर्भर हैँ उपजाऊ मृदा पर  और यह मृदा किस का अंश है पृथ्वी का | यदि उपजाऊ मृदा ही न हो तो वृक्षो का अस्तित्व ही ना होगा तो पृथ्वी निर्जीव कैसे हो सकती हैँ
एक सजीव प्राणी के सजीव  होने के लक्षण :
1.   सजीव प्राणी ही किसी सजीव को जन्म दे सकता हैपृथ्वी पर वृक्षो, जानवरो,व मनुष्यो का अस्तित्व पृथ्वी के सजीव होने का संकेत देता हैं |
2.  सजीव प्राणी मे हर क्षण सोते  समय भी साँस लेने की क्रिया होती हैं जिस कारण एक गतिविधि हमेशा एक जीवित व्यक्ति मेँ देखा जाता हैं इस प्रकार पृथ्वी भी तो किसी भी क्षण नहीँ रुकती यह सूर्य का चक्कर लगाती रहती हैं
3.  सजीव प्राणी मेँ पाचन क्रिया व मल मूत्र विसर्जन की प्रक्रिया होती हैं इसी प्रकार पृथ्वी भी तो भोजन के रुप मेँ निर्जीव पेड पौधे व मनुष्यो को ग्रहण कर मल- मूत्र विसर्जन क्रिया में पेट्रोल कोयला आदि  विसर्जित करती हैं
4.  सजीव प्राणी मेँ 70 प्रतिशत पानी होता है पृथ्वी पर भी तो 70 प्रतिशत पानी है
5.  सजीव प्राणी की सबसे छोटी इकाई कोशिका होती हैंमनुष्य जानवर पशु पक्षी ये सब भी तो इतनी बडी विशालकाय पृथ्वी पर कोशिका के समान हैँ
6.   सजीव प्राणी मेँ प्रजनन की प्रक्रिया 13 से 14 वर्ष के बाद शुरु होती है जो 18 से 20 वर्ष मे जाकर शिशु को जन्म देने के लिए परिपक्व होती है इसी प्रकार ऐसा प्रतीत होता है जैसे  सभी ग्रहो मेँ अभी सिर्फ़ पृथ्वी ही परिपक्कव हुई है, तथा बाकी सभी गृह अभी शिशु अवस्था या किशोर अवस्था (जैसे मंगल गृह)  में हो
सजीव प्राणी साँस लेने की प्रक्रिया मेँ ऑक्सीजन लेते व कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं | इसी प्रकार पृथ्वी पेड़ो के माध्यम से कार्बन डाइऑक्साइड लेती व ऑक्सीजन छोड़ती हैं, यदि वृक्ष न हो तो पृथ्वी पर जीवन भी न होगा सही तो है| वृक्ष न होंगे तो पृथ्वी भी न रहेगी न  मानव जीवन |
आज मनुष्य ने वैज्ञानिक तकनीकी मेँ इतनी तरक्की कर ली है, इतने सूक्ष्म  यंत्र बना लिए है, जिससे मनुष्य सूक्ष्म से सूक्ष्म जीव को देख सकता हैं| मनुष्य को पता है, सूक्ष्म जीवो का अस्तित्व है पर क्या सूक्ष्म जीव को पता है  इतने बड़े जीव का  भी अस्तित्व हो सकता हैं | इसी प्रकार हम मनुष्य भी पृथ्वी पर सूक्ष्म जीव की तरह है, शायद हम इतने सूक्ष्म जीव  हैं कि इतने बड़े जीव की कल्पना ही नही कर पा रहे हैं |

परंतु पृथ्वी हम जैसे सूक्ष्मजीव को देख सकती है,जैसे सूरज एक तारा है, और सूर्य के चारोओर परिक्रमा कर रहे है| इन ग्रहो मे से पृथ्वी पर जीवन है, इसी प्रकार आकाश मे कितने ही तारे है, तो हो सकता है, उन सभी तारो के चारो ओर भी गृह चक्कर लगाते हो और उन ग्रहो मे से किसी ग्रह पर जीवन हो और इस प्रकार पूरे बृहमांड मे ये भी समाज की तरह रहते हो जैसे एक मकडी घर के किसी भी कोने मे जाला बुनकर रहने लगती है क्या उसे पता हे मनुष्य जीवन के बारे में ? उसी प्रकार मनुष्य है जो पृथ्वी  पर मकान बना कर रह रहा है और उसे नही पता पृथ्वी के जीवन के बारे मे एक प्रकार की चीज हमेशा झुण्ड मे क्यू रहते है क्या वे अपने समाज की रचना करते है ???
– लेखिका मेघा जैन (vrutika)